
👉 *शामली जनपद के कैराना थानाक्षेत्र में प्रसिद्ध गायक अजय पाठक, उसके मासूम बच्चों, पत्नी की हत्या कर शिष्य हिमांशु सैनी ने भरोसे का कत्ल किया था*
शामली जनपद के कैराना थानाक्षेत्र में प्रसिद्ध गायक अजय पाठक, उसके मासूम बच्चों, पत्नी की हत्या कर शिष्य हिमांशु सैनी ने भरोसे का कत्ल किया था। दो मासूमों समेत चार की हत्या करना क्रूरतम अपराध की श्रेणी में आता है, इसलिए हत्यारे हिमांशु सैनी को फांसी की सजा सुनाई जाती है।यह टिप्पणी जनपद न्यायाधीश अनिल कुमार ने हत्यारे को फांसी की सजा सुनाते हुए की।
आदेश में कहा कि दोष सिद्ध अपराधी को तब तक फांसी पर लटकाया जाएगा जब तक कि उसकी मृत्यु नहीं हो जाए। अर्थदंड जमा नहीं करने पर एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। जिला शासकीय अधिवक्ता संजय चौहान ने कहा कि हिमांशु ने गुरु और शिष्य के रिश्ते को भी कलंकित किया था।
अभी तक आजीवन कारावास की ही होती रही थी सजा
जनपद शामली के इतिहास में हत्यारे को पहली बार फांसी की सजा सुनाई गई। जनपद न्यायाधीश अनिल कुमार ने हत्यारे को फांसी की सजा देकर कानून के हक में एक सराहनीय कार्य किया है। इससे पहले 22 मई 2023 को थानाभवन क्षेत्र के हसनपुर लुहारी मार्ग पर लूटपाट का विरोध करने पर हुई दीपक की हत्या के मामले में न्यायालय ने दो मुजरिमों साकिब निवासी हसनपुर लुहारी व सुल्तान निवासी खतौली को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
इसके अलावा 14 अक्टूबर 2023 को हत्या के दोषी जुहारी निवासी खानपुर कला थाना झिंझाना को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। 14 जनवरी 2024 को पत्नी के हत्यारे मुमताज उर्फ मुन्तियाज निवासी बराला को भी न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।लेकिन अजय पाठक परिवार हत्याकांड की जघन्यता को देखते हुए न्यायाधीश ने फांसी की सजा सुनाई।
31 दिसंबर 2019 में शामली की पंजाबी कॉलोनी निवासी प्रसिद्ध भजन गायक अजय पाठक (42), उनकी पत्नी स्नेहा पाठक, बेटी वसुंधरा (16) तीनों के रक्तरंजित शव कमरे में पड़े मिले थे। तलवार और अन्य हथियारों से काटकर तीनों की हत्या की गई थी। बेटा भागवत (11) लापता था। अगले दिन बेटे का अधजला शव उनकी गाड़ी में पानीपत के समालखा सेक्टर 29 टोल प्लाजा के पास से बरामद किया गया था। पुलिस ने हत्यारोपी हिमांशु को कार एवं बेटे के शव के साथ गिरफ्तार किया था। हिमांशु सैनी ने कार में आग लगा दी
हत्याकांड को अंजाम देने के बाद भी मोबाइल फोन का प्रयोग कर रहा था आरोपी
पुलिस ने हिमांशु को गिरफ्तार करने के बाद खुलासा किया था कि वारदात को अंजाम देने के बाद भी वह मोबाइल का प्रयोग कर रहा था। अजय पाठक के परिजनों से भी फोन पर बात कर रहा था। खुद को दिल्ली होने की बात कहते हुए जल्द आने की बात कह रहा था। जिसके कारण पुलिस हिमांशु पर हत्याकांड को अंजाम देने का शक नहीं जता रही थी।
बेटे भागवत की गला घोंटकर की थी हत्या
पुलिस ने खुलासा किया था कि तीनों की हत्या के बाद हिमांशु ने अजय के बेटे भागवत की हत्या गला घोंटकर की थी। वह चारों शवों को ठिकाने लगाना चाहता था। उसने भागवत के शव को अजय पाठक की कार की डिग्गी में डाल दिया। वसुंधरा के शव को घसीटते हुए नीचे ले आया, शव भारी होने के कारण वह कार में नहीं रख सका, फिर से ऊपर पहुंचा और कमरे में ही डालकर आया था।
परिजनों ने पुलिस के खुलासे पर उठाए थे सवाल, अकेला कैसे दे सकता है चौहरे हत्याकांड को अंजाम
घटना के खुलासे को लेकर अजय पाठक के ससुराल पक्ष के लोग संतुष्ट नहीं थे। उनका आरोप था कि चार लोगों की हत्या किसी भी दशा में एक अकेले व्यक्ति से कैसे संभव हो सकती है। अन्य लोगों के भी शामिल होने की आशंका जताई थी। जांच की मांग को लेकर गुरुद्वारे के समीप जाम भी लगा दिया था। बाद में एसपी के एसआईटी के गठन के आश्वासन पर परिजन माने थे और पुलिस के खुलासे को भी सही माना था।
अजय और उनके परिवार के सदस्यों के बारे में भी जानें
अजय पाठक प्रसिद्ध गायक और सामाजिक कार्यकर्ता थे। वे शामली के अलावा दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और अन्य स्थानों पर जागरण और माता का जगराता करते थे। वह प्रसिद्ध गायक अनुराधा पौडवाल, पंजाब के गायक मास्टर सलीम, भजन गायक लखवीर सिंह लक्खा के साथ भी काम कर चुके हैं।
उनके साथ कई बार भजन प्रस्तुत किए। परिवार में पांच भाई हैं। उनके बड़े भाई सूर्यपाठक पुरोहित हैं। जबकि विजय पाठक व्यापारी, दिनेश कुमार पाठक कथावाचक, हरिओम पाठक चिकित्सक और कपिल व्यवसायी हैं।